2023 के मध्य के दौरान मौद्रिक नीति पर फेड का लहजा सख्त था, जिसने सोने में तेजी को सीमित कर दिया। हालांकि, 2023 के अंत में, फेड ने संकेत दिया कि उन्होंने दर वृद्धि पूरी कर ली है और 2024 में ब्याज दरों में कटौती शुरू कर देंगे, जिससे पिछले तीन सप्ताह से सोने की कीमतें बढ़ रही हैं। जब ब्याज दरें कम रहती हैं, तो मुद्रास्फीति बढ़ने लगती है, जिससे बाद में सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं। 2024 में, फेड मौद्रिक नीति पर डोवीश रहेगा, जो सोने की तेजी के लिए अनुकूल स्थिति होगी। वर्तमान में सोना और इक्विटी दोनों रिकॉर्ड ऊंचाई पर चल रहे हैं, घटती ट्रेजरी यील्ड, अमेरिकी डॉलर में गिरावट और आगामी वर्ष में कम ब्याज दरों की उम्मीद के कारण सोने की कीमतों को समर्थन मिलता रह सकता है। साल 2023 के भू-राजनीतिक मुद्दे और क्षेत्रीय संघर्ष साल 2024 में भी जारी रह सकते है, जिससे सोने की कीमतें और भी ऊंचे स्तर पर पहुंच सकती हैं। साल 2023 में चांदी की कीमतें 70000 रुपये से 77000 रुपये के दायरे में रहीं, जो अगले वर्ष के लिए संचय का संकेत देते है। हालांकि, सोने-चांदी के अनुपात ने चांदी की धारणा को नुकसान पहुंचाया है। कम ब्याज दरें और भू-राजनीतिक कारक 2024 में चांदी की कीमतों का समर्थन कर सकते है। कम खदान उत्पादन, उच्च मांग की उम्मीद और मंदी की आशंका के बीच अर्थव्यवस्था की वृद्धि, चांदी की कीमतों का समर्थन कर सकती है। इस साल अर्थव्यवस्था में वृद्धि चांदी की कीमतों के लिए प्रमुख चालक हो सकती है। निवेशकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी के दौरान मंदी का डर देखा है, लेकिन वह डर सच नहीं हुआ है। उच्च ब्याज दरों के बावजूद, अमेरिकी अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है, और फेड की नरम मौद्रिक नीति अर्थव्यवस्था को समर्थन देगी, जिससे आगामी वर्ष में चांदी की मांग बढ़ सकती है।
तकनिकी विश्लेषण
इस सप्ताह सोने और चांदी की कीमते सीमित दायरे में रह सकती है। एमसीएक्स फ़रवरी वायदा सोने में सपोर्ट 61500 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 64000 रुपये पर है। मार्च वायदा चांदी में सपोर्ट 71000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 76000 रुपये पर है।