पिछले सप्ताह रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा अपनी मॉनेटरी पालिसी में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया और इस सप्ताह जारी होने वाले मुद्रास्फीति के आकड़ो में कमी होने के अनुमान से बाजार में तरलता बनी रहने की उम्मीद है। अमेरिका, चीन और यूरो जोन से जारी होने वाले आंकड़े कमजोर दर्ज किये गए जिससे सोने और चांदी के भाव निचले स्तरों से पलट गए है और अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में छोटी अवधि के लिए आई तेज़ी पूरी होती दिखने लगी है। अमेरिका और यूरोप की अर्थव्यवस्था में व्यवसाइक गतिविधियाँ कम होने से निवेशकों का ध्यान कीमती धातुओं की और बढ़ने लगा है। पिछले सप्ताह जारी आकड़ो से संकेत मिले है कि 2023 की पहली तिमाही और 2022 की अंतिम तिमाही की बढ़ोतरी में गिरावट के बाद यूरोज़ोन अर्थव्यवस्था इस साल की पहली तिमाही में मंदी की चपेट में आ गई है। अमेरिका में बेरोज़गारी के आंकड़े 233 हज़ार से बढ़कर 261 हज़ार पहुंच गए है। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओ से मिल रहे कमज़ोर संकेतो के चलते सोने और चांदी की कीमतों में पिछले सप्ताह निचले स्तरों से बढ़त दर्ज की गई है। लेकिन, बैंक ऑफ़ कनाडा द्वारा पिछले सप्ताह ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है और अमेरिका में रोज़गार बाज़ार में मजबूती रहने के कारण फेड हॉकिश रुख अपना सकता है, जिसके संकेत फेड सदस्य दे चुके है। अगर अर्थव्यवस्था में खपत के पैमानें पर नज़र डाली जाये तो अमेरिका में ड्राइविंग सीजन रहने के बावजूद और सऊदी अरब द्वारा पिछले सप्ताह कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने के बाद भी इसकी कीमतों में दबाव, अर्थव्यवस्था में मांग कमजोर रहने के संकेत देते है। चीन के सबसे बड़े बैंकों ने अर्थव्यवस्था में विकास को बढ़ावा देने के लिए पिछले सप्ताह बचतकर्ताओं के लिए ब्याज दरों में कटौती की, जिससे खपत की धीमी रफ़्तार में सुधार हो सके। इस सप्ताह अमेरिका के सीपीआई, एफओएमसी और यूरोपियन सेंट्रल बैंक की बैठक, और चीन की मौद्रिक नीति, कीमती धातुओं के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
तकनिकीविश्लेषण :
इस सप्ताह कीमती धातुओं में तेज़ी रहने की सम्भावना है। एमसीएक्स जून वायदा सोने में सपोर्ट 58300 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 61000 रुपये पर है। जुलाई वायदा चांदी में सपोर्ट 71000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 76000 रुपये पर है।