कीमती धातुओं के भाव में पिछले सप्ताह गिरावट तेज़ हो गई हालांकि अमेरिकी बेरोज़गारी के दावों और बेरोज़गारी दर बढ़ोतरी के साथ क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन में 8 प्रतिशत की गिरावट होने से कीमती धातुओं की कीमतों में कुछ सुधार देखने को मिला। अमेरिका की एस वी बैंक के दिवालिया होने की खबरों से शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव रहा जिससे कीमती धातुओं के भाव को निचले स्तरों पर सपोर्ट मिला। फेड चेयर जेरोम पॉवेल के हॉकिश संकेतों से कीमती धातुओं में दबाव बना, पॉवेल ने सचेत किया है कि बढ़ती मुद्रास्फीति और रोज़गार बाजार में लचीलेपन से उम्मीद से ज्यादा ब्याज दरे बढ़ाने की सम्भवना है। हालांकि मार्च महीने में होने वाली फेड की बैठक को लेकर पॉवेल ने किसी योजना से इंकार किया है, और आगे ब्याज दर बढ़ोतरी और ब्याज दर बढ़ोतरी की गति को आर्थिक आकड़ो के प्रदर्शन पर निर्भर होना बताया है। पिछले सप्ताह अमेरिका के साप्ताहिक बेरोज़गारी के दावों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, लेकिन जोल्ट्स जॉब ओपनिंग और एडीपी नॉन फार्म एम्प्लॉयमेंट चेंज के आंकड़े अनुमान से बेहतर दर्ज किये गए है। डॉलर, जो सोने के विपरीत दिशा में चलता है, इस सप्ताह तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया, जबकि बेंचमार्क अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड भी तेजी से बढ़ी क्योंकि निवेशकों ने निकट अवधि में फेड द्वारा अधिक आक्रामक ब्याज दर बढ़ोतरी की उम्मीद में डॉलर की और रुख किया है। हालांकि, पिछले सप्ताह अमेरिका से जारी नॉन फार्म एम्प्लॉयमेंट चेंज के आंकड़े अनुमान से बेहतर रहे, लेकिन बेरोज़गारी दर में बढ़ोतरी और प्रति घंटे की औसत आय में कमी, फेड को मौद्रिक नीति पर नरमी के लिए बाध्य कर सकता है।
इस सप्ताह अमेरिका के मुद्रास्फीति, रिटेल सेल्स, पीपीआई, कंस्यूमर सेंटीमेंट और यूरोपियन सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति कीमती धातुओं के लिए महत्वपूर्ण रहेगी।
तकनिकी विश्लेषण:
इस सप्ताह कीमती धातुओं में दबाव रहने की सम्भावना है। सोने में सपोर्ट 55000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 56400 रुपये पर है। चांदी में सपोर्ट 61500 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 65000 रुपये पर है।