सोने और चाँदी के भाव मे ऊपरी स्तरों पर दबाव लगातार बना हुआ है और अगस्त महीने के बाद से ही कीमती धातुओं के भाव मे गिरावट जारी है। सोने के भाव मे अत्यधिक तेज़ी होने के कारण हाज़िर की मांग कमजोर रही और दिसंबर वायदा की एक्सपायरी करीब है जिससे क़रीबारिओ के सौदे की कटान ज्यादा हुई है। अमेरिकी चुनाव के दौरान डॉलर इंडेक्स मे बने बिकवाली का दबाव कम हुआ है जिससे कीमती धातुओं से निवेशकों ने दुरी बना रखी है।
दुनिया की केंद्रीय बैंको द्वारा लगातार सोने मे की जा रही ख़रीददारी अब दस साल के निचले स्तरों पर आ चुकी है। कीमती धातुओं की खुदरा मांग, भाव अधिक होने से कम है। वैश्विक आर्थिक आकड़ों मे लगातार सुधार जारी है और डॉलर सुचकांक दो साल के निचले स्तरों पर होने से, इसकी मांग मजबूत होने के आसार है। स्विट्ज़रलैंड से एशिया के सोने का आयात गिर गया है और मई 2019 के बाद के महीने में भारत को अधिक निर्यात किया गया जबकि चीन को स्विट्ज़रलैंड सोने का निर्यात निचले स्तरों पर रहा है।
कोरोनोवायरस लॉकडाउन से मांग कम हो गई और स्विट्ज़रलैंड एशिया से सोना आयात करने के बजाय, अमेरिका और ब्रिटेन को निर्यात करने लगा है। वैक्सीन विकास पर प्रगति से आर्थिक सुधार में तेजी आएगी इस कारण बुलियन की सुरक्षित-हेवन अपील खत्म होती दिखाई दी है। मजबूत डॉलर और अमेरिकी आर्थिक प्रोत्साहन मे अनिश्चितता, सोने के भाव मे दबाव बना रही है और अमेरिकी ट्रेज़री सचिव मुचिन द्वारा कोवीड -19 राहत पैकेज के विपरीत जाते हुए फ़ेडरल रिज़र्व से महामारी मे इस्तेमाल कर्ज को लौटने के लिए कहा है। घरेलु वायदा सोना सप्ताह मे 2 प्रतिशत और चाँदी के भाव 4 प्रतिशत तक टूट गए है। घरेलु वायदा सोना 49800 रुपय प्रति दस ग्राम और कॉमेक्स वायदा सोना 1850 डॉलर प्रति औंस के निचले स्तरों को पिछले सप्ताह छू चुके है।