ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण कीमती धातुओं में दबाव बना हुआ है, लेकिन ग्लोबल अर्थव्यवस्था की सुस्त चाल इनको निचले स्तरों पर सपोर्ट भी कर रही है। फेड और ईसीबी के बाद पिछले सप्ताह बैंक ऑफ़ इंग्लैंड ने भी ब्याज दरें 0.25 प्रतिशत बढ़ा दी है। अक्टूबर वायदा सोने की कीमते पिछले दो सप्ताह से सीमित दायरे में कारोबार कर रही है जबकि सितम्बर वायदा चांदी के भाव में पिछले सप्ताह 2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। सोने के भाव में 0.35 प्रतिशत की मामूली साप्ताहिक गिरावट के साथ 59600 रुपये प्रति दस के स्तरों पर कारोबार करते रहे जबकि चांदी के भाव टूट कर 72500 रुपये प्रति किलो के स्तरों पर पहुंच गए। अमेरिकी बेंचमार्क ट्रेज़री यील्ड 4 प्रतिशत के ऊपर पहुंच गई जिससे डॉलर, जो सोने के विपरीत दिशा में चलता है, में बढ़त दर्ज की गई। हालांकि, अमेरिका के मासिक और साप्ताहिक रोज़गार बाजार के आंकड़े कमजोर दर्ज किये जिसके कारण से डॉलर पीछे हट गया और कीमती धातुओं के भाव को सपोर्ट मिला। पिछले सप्ताह के रोज़गार बाजार के आकड़ो के अतिरिक्त अमेरिका के सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के आंकड़े भी कमजोर दर्ज किये गए है, जो फेड को अपनी मौद्रिक नीति में बदलाव करने के लिए बाधित कर सकते है। रूस और सऊदी अरब द्वारा कच्चे तेल की आपूर्ति को टाइट करना अमेरिकी डॉलर को दबाव में रख सकता है। चीन द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए अतिरिक्त राहत पैकेज चांदी की मांग मजबूत करेगा। हालांकि, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच द्वारा अमेरिका की रेटिंग घटाए जाने के कारण गोल्ड ईटीएफ की मांग घटी है जिससे सोने की कीमतों में ऊपरी स्तरों पर दबाव बना हुआ है। इस सप्ताह अमेरिका के मुद्रास्फीति और कंस्यूमर सेंटीमेंट के आंकड़े कीमती धातुओं के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
तकनिकी विश्लेषण
इस सप्ताह कीमती धातुओं में तेज़ी रहने की सम्भावना है। एमसीएक्स अक्टूबर वायदा सोने में सपोर्ट 58500 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 61000 रुपये पर है। सितम्बर वायदा चांदी में सपोर्ट 70500 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 76000 रुपये पर है।