कीमती धातुओं के भाव में पिछले सप्ताह के शुरुवात में गिरावट रही लेकिन, अक्षय तृतीया से पहले भाव कम होने से इनमे निचले स्तरों से खरीदारी देखने को मिली है। घरेलु बाज़ारो में सस्ते भाव पर मांग रहने के अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट की आशंका से कीमती धातुओं को निचले स्तरों पर सपोर्ट है। ग्लोबल ग्रोथ में कमी की आहट अमेरिका के आर्थिक आकड़ो में दिखाई देने लगी है।
पिछले सप्ताह में अमेरिका से जारी जीडीपी के आंकड़े ने कुछ निवेशकों को सुरक्षित-संपत्ति की ओर आकर्षित किया है। अमेरिकी अग्रिम जीडीपी के आंकड़े 1.1 प्रतिशत अनुमान के विरुद्ध -1.4 प्रतिशत रहे जो वैश्विक विकास में मंदी की ओर संकेत कर रहे है।हालाँकि, सितंबर 2021 के बाद से सोने की सबसे बड़ी मासिक गिरावट देखि गई है क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा आगामी बैठक में ब्याज दरों में आक्रामक रूप से वृद्धि की उम्मीद है, बैठक इस सप्ताह 3-4 मई को होने वाली है।
फ़ेड द्वारा ब्याज दर वृद्धि के कारण कीमती धातुओं में बने दबाव, कमजोर अमेरिकी जीडीपी आकड़ो से घटता हुआ दिखाई दे रहा है। फेड नीति निर्माता 2022 में ब्याज दरों में वृद्धि की गति को तेज करने की योजनाओं को बना रहे हैं। हालांकि, आर्थिक मंदी से बचने के लिए यह गति कितनी तेज होनी चाहिए, इस पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। डॉलर, जो आमतौर पर सोने के विपरीत होता है, पिछले सत्रों के दौरान विरोधी मुद्राओं के मुकाबले 20 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जिससे ऊपरी स्तरों पर कीमती धातुओं के भाव में दबाव है।
प्रमुख आंकड़े:
इस सप्ताह अमेरिका से जारी होने वाले आर्थिक आंकड़े कीमती धातुओं के भाव पर असर डालेंगे जिनमे, सोमवार को आईएसएम मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई, मंगलवार को जोल्ट्स जॉब ओपेनिंग, बुधवार को फ़ेडरल रिज़र्व की बैठक, एडीपी नॉन फार्म एम्प्लॉयमेंट चेंज, गुरुवार को ब्रिटैन की मौद्रिक नीति और शुक्रवार को अमेरिकी पैरोल के आंकड़े महत्वपूर्ण है।
तकनिकी विश्लेषण:
सोने और चांदी के भाव में इस सप्ताह सुधार आने की सम्भावना है। सोने में 50800 रुपये पर सपोर्ट है और 52300 पर प्रतिरोध है। चांदी में 63500 रुपये पर सपोर्ट और 66500 रुपये पर प्रतिरोध है।