सोयाबीन दिसंबर वायदा में पिछले सप्ताह 10 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया और कीमते 6100 रुपये प्रति क्विंटल तक के स्तरों पर पहुंच गई है। सोयाबीन की फसल आने के बाद इसकी आपूर्ति कम रही जिसके कारण कीमतों में अच्छी तेज़ी देखि गई है। अमेरिकी सोयाबीन में भी पिछले सप्ताह तेज़ी रही और कीमतों में 5 प्रतिशत तक हुई है यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर (यूएसडीए ) की नवंबर रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021-22 के लिए यू.एस. सोयाबीन का उत्पादन कम रहेगा। सोयाबीन का उत्पादन 4.42 अरब बुशेल रहने का अनुमान है, जो कम यील्ड के कारण 23 मिलियन घटा है। लेकिन इसका वैश्विक आयात कम होने रहने के कारण स्टॉक में बढ़ोतरी रहने का अनुमान है। वैश्विक सोयाबीन का उत्पादन 1.1 मिलियन टन घटकर 384 मिलियन हो गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका और अर्जेंटीना में जो उत्पादन की कमी आई है वह भारतीय उत्पादन से बराबर हुआ है। ग्लोबल सोयाबीन निर्यात 1 मिलियन टन घट कर 172.1 मिलियन टन रह गया है। चीन का आयात 1.0 मिलियन टन घट कर 100 मिलियन टन रह गया है। घरेलु बाजार में सोयाबीन की कीमते कम रहने के कारण मंडियों में आपूर्ति कम रही है। चीन में नेगेटिव मार्जिन और पॉवर कमी के कारण उत्पादन कम रहा जो आयात में कमी का एक कारण रहा है, लेकिन सामान्य होती हुई स्थिति से इसका आयात बढ़ने के आसार है। ब्राज़ील में सूखा मौसम के बीच सोयाबीन की सोइंग होने पर उत्पादन कम रहने की सम्भावना भी है। जिससे सोयाबीन के भाव में वैश्विक स्तर पर तेज़ी देखने को मिल रही है।
तकनिकी विश्लेषण
एनसीडीईएक्स दिसंबर वायदा सोयाबीन में तेज़ी रहने की सम्भावन है। इसमें ₹5600 - ₹5300 रुपये पर सपोर्ट है और ₹6300 - ₹6900 पर रेजिस्टेंस है।