पिछले सप्ताह सोना एक हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंच गया। मजबूत डॉलर और बढ़ती जोखिम की क्षमता के बीच बढ़ते कोवीड -19 मामलों पर चिंता कम हो गई जिससे निवेशकों के लिए सोने की सेफ हेवन अपील को कम कर दिया है। बढ़ते शेयर बाज़ारो में भी डेल्टा संस्करण की चिंता को नज़र अंदाज़ कर दिया और जोखिम की तरफ निवेशकों का रुझान बना।सोने की कीमतें दबाव में हैं क्योंकि डॉलर अब तीन महीने के उच्चतम स्तर के आसपास मँडरा रहा है और शेयर बाज़ारो ने दूसरे दिन भी तेज़ी को बरक़रार रखा जिसका अर्थ है कि व्यापारी कोवीड -19 चिंताओं को दूर कर रहे हैं और पुनः मुद्रास्फीति बढ़ने की स्थिति बन रही है। लेकिन यूरोपियन सेंट्रल बैंक की बैठक के बाद सोने और चांदी में निचले स्तरों से सुधार देखा गया है।जिसमे उन्होंने अपने नीतिगत फैसले को सौंपते हुए ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर और भी अधिक समय तक बनाए रखने का वादा किया और मुद्रास्फीति पर माध्यम अवधि के लिए अपना नजरिया लक्ष्य के निचे रहना बताया।अमेरिका के आर्थिक आंकड़े पिछले सप्ताह कमजोर दर्ज किये गए और बांड यील्ड में भी निचले स्तरों से उछाल दर्ज किया गया जिससे डॉलर इंडेक्स में मजबूती रही और सोना-चांदी में बढ़त सीमित हो गई।इस सप्ताह अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व बैंक की बैठक, सोने और चांदी के भाव के लिए एक महत्वपूर्ण ट्रिगर होगा। घरेलु वायदा सोना पिछले सप्ताह 2 प्रतिशत टूट कर 47600 रुपये प्रति दस ग्राम पर रहा। चांदी में 1.5 प्रतिशत की साप्ताहिक मंदी दर्ज की गई है।
तकनीकी विश्लेषण
इस सप्ताह सोना और चांदी के भाव में निचले स्तरों से उछाल आने की संभावना है। सोने में 46600 रुपये पर सपोर्ट है और 48000 रुपये पर प्रतिरोध है। चांदी में 66000 रुपये पर सपोर्ट और 68400 रुपये पर प्रतिरोध है।