घरेलु वायदा बाजार में सोना पिछले सप्ताह में 1000 रुपये और चांदी 3400 रुपये टूट गई जिससे सोने के भाव 47800 रुपये प्रति दस ग्राम और चांदी 61600 रुपये प्रति किलो के स्तरों पर पहुंच गए। फेड द्वारा ब्याज दरे जल्दी बढ़ाने के संकेत से सोने के विपरीत दिशा में चलने वाला डॉलर, पिछले सप्ताह करीब 2 प्रतिशत तेज़ हुआ और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड भी 1.82 प्रतिशत के ऊपर निकल गई। हालांकि, वर्ल्ड गोल्ड कॉउंसिल ( डब्ल्यूजीसी ) के मुताबिक 2021 में सोने की मांग अच्छी रहने के बावजूद 2022 में इसकी मांग में और भी इजाफा होने का अनुमान लगाया है।
डब्ल्यूजीसी के भारतीय ऑपरेशन के क्षेत्रीय मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि इस साल सोने की खपत छह साल के उच्चतम स्तर 800 से 850 टन तक पहुंचने की संभावना है, जबकि 2021 में 797.3 टन थी और पांच साल की औसत खपत 667 टन है। भारत की सोने की खपत में पिछले साल 79 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। डब्ल्यूजीसी की दिसंबर रिपोर्ट के मुताबिक भारत में उच्च आयात शुल्क होने के बावजूद सोने का आयात बढ़ा है और ज्वेलरी की मांग एक दशक में दोगुना हो चुकी है।
भारत में कीमती धातुओं को लेकर नई नीति का निर्धारण और उन्नत तकनीक लाने से इनमे पारदर्शिता बढ़ेगी जो एसेट क्लास के रूप में सोने के लिए महत्वपूर्ण होगी। कच्चे तेल में आपूर्ति पहले से बाधित है साथ ही रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ने से तेल और गैस की आपुर्ती में आगे भी बाधा उत्पन्न होने की सम्भावना के चलते इनके भाव में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिससे मुद्रास्फीति भी बढ़ने के अनुमान है। भूराजनितिक तनाव में आगे भी बढ़ोतरी हुई तो यह सोने और चांदी को निचले स्तरों पर सपोर्ट कर सकता है।
सप्ताह के आर्थिक घटक
चीन में इस सप्ताह स्प्रिंग फेस्टिवल होने से बाजार बंद रहेंगे। बुधवार को ओपेक-नॉन ओपेक देशो की बैठक, गुरुवार को बैंक ऑफ़ इंग्लैंड और यूरोपियन सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति और शुक्रवार को अमेरिकी पैरोल के आंकड़े महत्वपूर्ण है।
तकनिकी विश्लेषण
सोने और चांदी के भाव इस सप्ताह अस्थिरता के साथ दबाव में रह सकते है। सोने को 47300 रुपये पर सपोर्ट और 48300 रुपये पर प्रतिरोध है। चांदी को 60000 रुपये पर सपोर्ट और 63000 रुपये पर प्रतिरोध है।