शुक्रवार को हुई ओपेक और नॉन ओपेक देशो की बैठक के कारण कच्चे तेल के भाव मे उठापटक देखि गई। ओपेक देशो के आश्वासनों से पहले क्रूड की कीमतें गुरुवार से अस्थिर रही, क्योंकि मांग बढ़ोतरी मे संदेह के बावजूद, मई से वैश्विक तेल उत्पादन बढ़ने की सहमति हुई है।
ओपेक और नॉन ओपेक देशो के सदस्य, दो-दिवसीय कॉन्फरेंस के माध्यम से बैठक करते हुए, मई और जून में प्रति दिन 350,000 बैरल और जुलाई में 400,000 बैरल प्रतिदिन उत्पादन बढ़ाने पर सहमत हुए है।
सऊदी अरब को कटौती के प्रति दिन 250,000 बैरल मई और जून में घटाने पर विचार करना था, ताकि बाजार को निरंतर समर्थन प्रदान किया जा सके। लेकिन इसने उस विचार को अन्य उत्पादकों के साथ आम सहमति पर पहुंचने के बाद समाप्त कर दिया कि उत्पादन मे बढ़ोतरी तेल मांग मे बढ़ोतरी के अनुरूप है। लगभग 2.5 मिलियन बैरल प्रति दिन, कई सप्ताह तक रुके रहने के बाद, अमेरिकी कच्चे तेल का निर्यात पिछले हफ्ते बढ़कर 3.2 लाख बैरल प्रति दिन हो गया है।
अमेरिकी तेल उत्पादन भी पिछले सप्ताह बढ़कर 11.1 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया है। पिछले कुछ महीनों में संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए 11 मिलियन बैरल या उससे कम का दैनिक उत्पादन मानक बना हुआ था। कॉमेक्स मे कच्चे तेल के भाव सप्ताह मे मामूली बढ़त के साथ 61 डॉलर तथा ब्रेंट कच्चा तेल 64.7 डॉलर और घरेलु कच्चे तेल की कीमते 4516 रुपये प्रति बैरल पर रही।
तकनिकी विश्लेषण
कच्चे तेल की कीमतों मे ऊपरी स्तरों पर दबाव रहने की सम्भावना है। इसमें 4670 रुपये पर प्रतिरोध तथा 4300 रुपय पर सपोर्ट है।