सोने की कीमतों में मजबूत डॉलर इंडेक्स और बढ़ती हुई बांड यील्ड के कारण पिछले सप्ताह भी ऊपरी स्तरों पर दबाव रहा।
ओमीक्रॉन वायरस के प्रभाव को भी कम माना जा रहा है जिसके कारण कीमती धातुओं में निवेश की मांग नहीं बढ़ी है। वैक्सीन बनाने वाली कंपनी फ़ाइज़र का कहना है की नए वायरस पर वैक्सीन की तीन खुराक,दो खुराक की तुलना में ज्यादा कारगर है। जिसके बाद से कीमती धातुओं में बिकवाली का दबाव बना रहा।
बढ़ती मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के प्रयास में ब्राजील के सेंट्रल बैंक ने अपनी बेंचमार्क ब्याज दर 150 आधार अंकों को दूसरी बार बढ़ाकर 9.25 प्रतिशत कर दिया, जो 2017 के बाद से सबसे अधिक है। लेकिन, कच्चे तेल के भाव पिछले सप्ताह में 400 रुपये प्रति बैरल तक बढ़ गए है जो सोने के भाव को निचले स्तरों पर फिर से सपोर्ट दे सकते है। सऊदी अरब ने जनवरी क्रूड की कीमत में 80 सेंट की बढ़ोतरी की है। अमेरिकी प्रेसिडेंट बाइडन के मुताबिक कच्चे तेल के साथ कुछ और कमोडिटी पर कीमते कम हुई है लेकिन वर्तंमान मुद्रास्फीति के आकड़ो में यह दिखाई नहीं देंगी।
हालांकि, ओमीक्रॉन वायरस की खबरे फिर से दिखाई देने लगी और यूरोप से एशिया तक, सरकारों ने नवीनतम कोरोनावायरस के प्रसार को सीमित करने के लिए प्रतिबंधों को बहाल करना शुरू कर दिया है, ब्रिटेन ने लोगों को फिर से घर से काम करने का आदेश दिया है, डेनमार्क ने स्कूलों को जल्दी बंद कर दिया और रेस्तरां और बार के लिए घंटों को सीमित कर दिया और चीन ने ग्वांगडोंग से पर्यटक यात्राओं को रोक दिया है।
ओमीक्रॉन के नए मामले बढ़ना कच्चे तेल में बढ़त को सीमित करता दिख रहा है। लेकिन हाल ही की खबर से पता चला कि ओमीक्रोन, डेल्टा संस्करण की तुलना में 4.2 गुना अधिक फैलने वाला है, जिसके कारण दुनिया भर में अस्पताल में भर्ती होने और मौतों में बढ़ोतरी हुई है। मृत्यु दर इस नए वायरस में कितनी है यह अभी ज्ञात नहीं है, हालांकि इसकी प्रसार दर भय पैदा करने के लिए पर्याप्त है। जो कीमती धातुओं को सपोर्ट कर सकती है।
लेकिन, कम दरों और उच्च मुद्रास्फीति के बावजूद साल 2021 में सोने और चांदी ने अब तक लाभ नहीं कमाया है, जो कीमती धातु की विकास संभावनाओं के लिए अच्छा नहीं है। हालांकि, सोने के लिए नकारात्मक आर्थिक परिदृश्य तेज हो सकता है क्योंकि दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों को मौद्रिक नीतियों को अत्यधिक उदार रखने की आवश्यकता है। दुनिया भर की अर्थव्यवस्था मुद्रास्फीति को कम करने की कोशिश में है लेकिन महामारी से अनिश्चितता बनी हुई है जिससे सोने के भाव सीमित दायरे में है।
तकनीकी विश्लेषण
इस सप्ताह बुधवार को अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व की बैठक है, जिसका प्रयास बढ़ती हुई मुद्रास्फीति को कम करना है और यह कीमती धातुओं के लिए महत्वपूर्ण है। सोने और चांदी के भाव में इस सप्ताह दबाव रह सकता है। दिसंबर वायदा सोने में 47000 रुपए पर सपोर्ट और 48800 रुपए पर प्रतिरोध है। चांदी में 58000 रुपए पर सपोर्ट और 62000 रुपए पर प्रतिरोध है।