एमसीएक्स सोने और चांदी के भाव में ऊपरी स्तरों पर दबाव रहा। चांदी की कीमतों में पिछले सप्ताह 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है जबकि सोने में मामूली बढ़त दर्ज की गई है। मुद्रास्फीति अभी बड़ी हुई है और इसको कम करने के लिए फेड के सदस्यों द्वारा आगे भी ब्याज दर वृद्धि होते रहने का अनुमान जताया है। फेड चेयर पॉवेल ने, 2022 में लगातार हुई ब्याज दर वृद्धि तक अमेरिका में अवस्फीति की परिस्थिति को बताया, और आगे भी ब्याज दर वृद्धि करने का समर्थन किया है। अमेरिका से जारी होने वाले रोज़गार बाजार के आकड़ो का बेहतर प्रदर्शन, लगातार ब्याज दर बढ़ोतरी की सम्भावना के अनुकूल है। जिससे सोने और चांदी की कीमतों में दो हफ्तों से दबाव बना हुआ है। कीमती धातुओं में दिवाली के बाद से शुरू हुई तेज़ी, लगातार ब्याज दर वृद्धि के लिए जगह होने से, थमने लगी है। हालांकि, ब्याज दर बृद्धि के कारण आर्थिक मंदी का डर अभी बना हुआ है। छोटी अवधि की अमेरिकी ट्रेज़री यील्ड, लम्बी अवधि की यील्ड से अधिक हो चुकी है जो अर्थव्यवस्था के लिए खतरे के संकेत दे रही है। छोटी अवधि की ट्रेज़री यील्ड में बढ़ोतरी होने से कीमती धातुओं में ऊपरी स्तरों पर दबाव बना हुआ है। बांड यील्ड में बढ़ोतरी होने से अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में सुधार हुआ है। वर्ल्ड गोल्ड कॉउंसिल के मुताबिक पिछले साल प्रमुख केंद्रीय बैंको द्वारा सोने की खरीद अब तक के उच्च स्तरों पर है। यूरोपीय बैंकों ने सोने की बिक्री बंद कर दी और रूस, तुर्की और भारत जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं ने खरीदारी की है। केंद्रीय बैंको का रुझान सोने की खरीद पर बढ़ा है क्योंकि अशांत समय में यह अपना मूल्य बनाए रखता है, और मुद्राओं और बांड के विपरीत, यह किसी भी जारीकर्ता या सरकार पर निर्भर नहीं है।
इस सप्ताह अमेरिका से, मंगलवार को मुद्रास्फीति (सीपीआई), बुधवार को रिटेल सेल्स और गुरुवार को पीपीआई के आंकड़े कीमती धातुओं के भाव के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
तकनिकी विश्लेषण
इस सप्ताह कीमती धातुओं में दबाव बने रहने की सम्भावना है। सोने में सपोर्ट 56000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 57400 रुपये पर है। चांदी में सपोर्ट 65000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 69000 रुपये पर है।