फेड द्वारा दरों में बढ़ोतरी के बाद पिछले सप्ताह बुलियन की कीमतों में अस्थिरता रही और निवेशकों की अपेक्षा से अधिक आक्रामक फेड का रुख रहा जिसमे उन्होंने ब्याज दरों को साल के अंत तक 4 प्रतिशत के ऊपर रखने की बात कही। हालांकि, अमेरिकी फेड की आक्रामक मौद्रिक नीति के चलते भारतीय रूपया अब तक के निचले स्तरों 1 डॉलर का मूल्य 81 रुपये पर पहुंच गया है, जिससे घरेलु वायदा बाजार में सोने के भाव पिछले सप्ताह 1000 रुपये प्रति दस ग्राम तक तेज़ हुए। एमसीएक्स अक्टूबर वायदा सोना पिछले सप्ताह 0.8 प्रतिशत तेज़ हो कर 49700 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तरों पर रहा। जबकि कॉमेक्स में सोने के भाव सप्ताह में 0.80 प्रतिशत टूट कर 1670 डॉलर प्रति औंस के स्तरों पर रहे। कठोर मौद्रिक नीति के चलते अमेरिकी बेंचमार्क ट्रेज़री यील्ड बढ़ कर 3.7 प्रतिशत हो गई है जिससे अमेरिकी डॉलर इंडेक्स पिछले सप्ताह 2 प्रतिशत तेज़ हो कर 111.80 के स्तरों पर पहुंच गया है। फेड के साथ बैंक ऑफ़ इंग्लैंड द्वारा भी ब्याज दरें बढ़ाई गई है जबकि बैंक ऑफ़ जापान ने अपनी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने के साथ अपनी मुद्रा के अवमूल्यन को रोकने के कदम उठाए है। सोने के लिए निकट-अवधि में तेज़ी का दृष्टिकोण, अमेरिकी ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना से बाधित है, जिसने डॉलर को बढ़ावा दिया और इस साल बुलियन की कीमतों को रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे गिरा दिया है। फेड द्वारा कठोर नीति में ढील देना 2024 से शुरू किया जायेगा जबकि निकट अवधि में आक्रामक मौद्रिक नीति से आर्थिक मंदी का खतरा बना हुआ है, जो सोने की सुरक्षित आश्रय की उपाधि को बनाये रखेगा।
तकनीकी विश्लेषण
इस सप्ताह कीमती धातुओं में भारतीय त्यौहारो के चलते निचले स्तरों पर सपोर्ट रहने की सम्भावना है। अक्टूबर वायदा सोने की कीमतों में 48400 रुपये पर सपोर्ट है और 50300 रुपये पर प्रतिरोध है। दिसंबर वायदा चांदी में 54000 रुपये पर सपोर्ट और 58500 रुपये पर प्रतिरोध है।