अपेक्षा से अधिक मुद्रास्फीति के आंकड़ों से सोने की कीमते कॉमेक्स वायदा में 1980 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक पहुंच गई है। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुद्रास्फीति आकड़ो में बढ़ोतरी दर्ज की गई है जबकि अमेरिकी मुद्रास्फीति मार्च माह में कम होने के बाद भी साल -दर साल बढ़ी है जिससे यह 40 साल की उचाई पर बरक़रार है।
बढ़ती हुई मुद्रास्फीति के बीच तेज़ी से ब्याज दर बढ़ोतरी और बैलेंस शीट में कटौती, चिंता का विषय है। जिसके कारण अमेरिका के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था क्षतिग्रस्त हो सकती है इसलिए कीमती धातुओं के साथ अमेरिकी बांड यील्ड और डॉलर इंडेक्स में बढ़ोतरी देखी जा रही है। कच्चे तेल के भाव में तेज़ी फिर से दिखाई देने लगी है और ब्रेंट तेल के भाव पिछले सप्ताह में 8 प्रतिशत तेज़ हो कर 111 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए है जो मुद्रास्फीति में सपोर्ट करेंगे।
भू -राजनीतिक जोखिम, कोविड वापसी की दस्तक और महामारी के कारण छोटे देशो की चरमराती हुई अर्थव्यवस्था सोने और चांदी के भाव को सपोर्ट कर रही है। घरेलु वायदा बाजार में सोने के भाव पिछले सप्ताह 1.8 प्रतिशत तेज़ हो कर 53000 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तरों पर पहुंच गए है और चांदी के भाव 3 प्रतिशत तेज़ हो कर 69000 रुपये प्रति किलो के स्तरों पर पहुंच चुके है। इस सप्ताह के लिए चीन से जारी होने वाले आर्थिक आंकड़े, फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल का बयान, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की बैठक और फ्रांस राष्ट्रपति के चुनाव सोने और चांदी की कीमतों के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
तकनीकी विश्लेषण
इस सप्ताह सोने और चांदी के भाव तेज़ रह सकते है। जून वायदा सोने में 52500 रुपये पर सपोर्ट और 53300 रुपये पर प्रतिरोध है। मई वायदा चांदी में 68000 रुपये पर सपोर्ट और 70000 रुपये पर प्रतिरोध है।