लगभग दो वर्षों में पहली बार फरवरी में अमेरिकी नौकरियां दस मिलियन से नीचे गई है, यह एक संकेत है कि फेडरल रिजर्व के श्रम बाजार को धीमा करने के प्रयासों का प्रभाव दिखाई देने लगा है। अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट की जोल्ट्स रिपोर्ट में जॉब ओपनिंग घट कर 9.93 मिलियन रह गई जिससे एमसीएक्स जून वायदा सोने के भाव में 2000 रुपये प्रति दस ग्राम और चांदी के भाव में 3000 रुपये प्रति किलो की साप्ताहिक तेज़ी दिखी। फेड द्वारा मई 2022 से शुरू की गई ब्याज दर वृद्धि को अब रोकने के संकेत दिए है क्योकि अमेरिका में मुद्रास्फीति 41 साल के उच्च स्तरों तक पहुंच चुकी थी और इस पर नियंत्रण करने के लिए श्रम बाजार पर फेड का मुख्य टारगेट था। फेड पिछले एक साल में नौ बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर चुका है जिसका का की कोई खास असर श्रम बाजार में अब तक देखने को नहीं मिला था। हालांकि, ब्याज दर बढ़ोतरी के कारण अमेरिका और यूरोप में आर्थिक मंदी आने की सम्भवना बढ़ गई है जिसका असर अमेरिका के आर्थिक आकड़ो में दिखाई देने लगा है। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा अप्रैल की मॉनेटरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। श्रम बाजार पर बड़ रहे दबाव के चलते यह सम्भावना बढ़ने लगी है की फेड भी आगे ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं करेगा जिससे कीमती धातुओं में तेज़ी बनी हुई है। अर्थव्यवस्था की विकास गति धीमी होने के कारण कॉमेक्स में सोने के भाव 2036 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहे है, जो 2020 के उच्चतम स्तरों के करीब के भाव है। इस सप्ताह आईएमएफ की बैठक , अमेरिकी सीपीआई, एफओएमसी मीटिंग मिनट्स, रिटेल सेल्स और कंस्यूमर सेंटीमेंट के आंकड़े कीमती धातुओं की चाल पर असर करेंगे।
तकनिकी विश्लेषण:
इस सप्ताह कीमती धातुओं में तेज़ी जारी रहने की सम्भावना है। सोने में सपोर्ट 60000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 61200 रुपये पर है। चांदी में सपोर्ट 72000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 76000 रुपये पर है।