ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच गई है लेकिन 68 डॉलर के महत्वपूर्ण प्रतिरोध स्तरों पर है। इस सप्ताह गुरुवार को, पेट्रोलियम निर्यातक देशों और सहयोगियों (ओपेक) की बैठक पर निवेशको की नज़र रहेगी जिसके पहले अन्य बाज़ारो पर दबाव देखा गया है।
कच्चे तेल की कीमतों मे लगातार सुधार होने के कारण, ओपेक और सहयोगी देशो के निर्णय पर बाज़ारों की निगाहें होगी। अधिक आपूर्ति होने से सऊदी अरब ने पिछली बैठक मे अतिरिक्त उत्पादन कटौती पर समझौता किया था। जबकि अन्य तेल निर्यातक देशो ने आपूर्ति को स्थिर रखने पर जोर दिया था। वही रूस उत्पादन मे वृद्धि के पक्ष मे रहा है।
अमेरिकी प्रान्त टेक्सास और आसपास के क्षेत्रों में पिछले सप्ताह की ठंड के कारण 40 लाख बैरल प्रति दिन कच्चे तेल की आपूर्ति बाधित हुई है। जिससे कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती है और इस महीने मे ब्रेंट तथा अमेरिकी कच्चे तेल मे 20 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है। वैश्विक तेल स्टॉक मे लगातार कमी दर्ज की गई है लेकिन, मौसम के कारण बाधित होने वाले कच्चे तेल उत्पादन में लाखों बैरल की कमी धीरे-धीरे पूरी हो रही है। बांड बाजार टूटने से डॉलर मे तेज़ी होने की सम्भावना है और ऐसा होने पर कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ सकती है।
तकनीकी लेवल
इस सप्ताह कच्चे तेल की कीमतों मे अस्थिरता रहने की सम्भावना है।घरेलु वायदा कच्चे तेल के भाव मे 4700 रुपय पर प्रतिरोध और 4200 रुपय पर सपोर्ट है। ब्रेंट वायदा कच्चे तेल मे 67 डॉलर पर प्रतिरोध तथा 62 डॉलर पर सपोर्ट है।