कीमती धातुओं के भाव में लगातार दूसरे सप्ताह भी गिरावट रही। सोने और चांदी के भाव में दबाव, अमेरिकी फेड द्वारा बड़ी ब्याज दर बढ़ोतरी की सम्भावना के चलते बना हुआ है।
पिछले सप्ताह फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल ने कहा कि केंद्रीय बैंक की मुद्रास्फीति पर लड़ाई "बिना शर्त" है और इसको नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे साथ ही कहा की 1 प्रतिशत ब्याज दर वृद्धि की संभावना पर भी विचार करेंगे।अमेरिकी डॉलर स्थिर बना हुआ है, और उम्मीदें अब जुलाई में 75-आधार-अंकों की बढ़ोतरी की ओर झुकी हुई हैं। बढ़ती मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से दुनिया भर में सख्त केंद्रीय बैंक नीतियों के प्रभाव से निवेशक सतर्क है।
सोने के भाव 51300 रुपये से लेकर 50100 रुपये प्रति दस ग्राम के सीमित दायरे में बने हुए है। जबकि औद्योगिक धातुओं में बिकवाली का दबाव रहने के कारण चांदी में भी बिकवाली का दबाव बढ़ गया है। तेज़ी से बढ़ती हुई ब्याज दरों में वृद्धि आर्थिक मंदी की चिंताओं को बढ़ा रही है जिससे दुनिया भर के शेयर बाज़ारो में दबाव बना हुआ है। निवेशक सुरक्षित निवेश के अन्य विकल्प जैसे डॉलर की और रुख कर रहे है। पिछले सप्ताह अमेरिका, यूरोप और जापान से जारी फ़्लैश मैन्युफैक्चरिंग के आंकड़े अनुमान से कमजोर रहे जो आर्थिक मंदी का संकेत देते है।
तकनीकी विश्लेषण:
अगस्त वायदा सोने की कीमतों में 50000 रुपये पर सपोर्ट है और 51500 रुपये पर प्रतिरोध है। जुलाई वायदा चांदी में 58000 रुपये पर सपोर्ट और 62000 रुपये पर प्रतिरोध है।