पिछले सप्ताह कीमती धातुओं की तेज़ी, अमेरिकी फेड के हॉकिश टिप्पणी से थमती दिखी। घरेलु वायदा बाजार एमसीएक्स में सोने के भाव 9 महीने के उच्च स्तरों से पीछे हट गए जबकि चांदी में भी गिरावट दर्ज की गई है। कॉमेक्स वायदा में सोने की कीमते 1800 डॉलर के ऊपर नही टिक रही है। ज्यादातर प्रमुख केंद्रीय बैंको का कहना है की ब्याज दरों का उच्चतम स्तर अभी दूर है जिसके कारण आर्थिक मंदी का डर फिर से बढ़ने लगा है और कीमती धातुओं के साथ दुनिया भर के शेयर बाज़ारो में बिकवाली का दबाव देखने को मिला है। पिछले सप्ताह अमेरिकी फेड के बाद यूरोपियन सेंट्रल बैंक द्वारा भी लगातार ब्याज दरे बढ़ाने की बात कही है क्योकि मुद्रास्फीति अभी टारगेट से ऊपर चल रही है।
अमेरिका, चीन और यूरो ज़ोन के आर्थिक आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है की यह प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं उच्च मुद्रास्फीति और बढ़ती ब्याज दरों के दबाव से जूझ रही हैं। इस साल लगातार हो रही ब्याज़ दर वृद्धि के कारण सोने के स्थान पर निवेशकों ने डॉलर को चुना है और केंद्रीय बैंको का मोद्रिकनीति पर कठोर रुख अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में तेज़ी का ट्रेंड फिर से शुरू कर सकता है। लेकिन, चीन में कोवीड प्रतिबंधों में ढील के बाद कोरोना मामलों में बढ़ोतरी और ग्लोबल अनिश्चितताओं के चलते कीमती धातुओं में निचले स्तरों पर सपोर्ट देखने को मिलेगा। पिछले सप्ताह फेड की बैठक के बाद सोना सप्ताह के उच्च स्तरों से 900 रुपये फिसल कर 54200 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तरों पर पहुंच गया। जबकि चांदी के भाव भी सप्ताह के उच्च स्तरों से 2500 रुपये टूट कर 67000 रुपये प्रति किलो पर रहे।
तकनिकी विश्लेषण
इस सप्ताह कीमती धातुओं में क्रिसमस हॉलिडे के चलते सीमित दायरे में कारोबार रहने की सम्भावना है। सोने में सपोर्ट 53300 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 55000 रुपये पर है। चांदी में सपोर्ट 65000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 69000 रुपये पर है।