त्यौहार के सीजन से पहले कठोर मौद्रिक नीति के संकेतो से सोने और चांदी के भाव सस्ते हो गए है। और भारत में त्यौहार पर रीती रिवाज़ों के चलते पितृपक्ष के बाद सस्ते भाव होने के कारण इनकी हाज़िर मांग को अच्छा सपोर्ट देखने को मिल सकता है। भारत में पहली तिमाही में सोने की मांग में गिरावट देखने को मिली थी जबकि दूसरी तिमाही में मांग 4 प्रतिशत से बढ़ने का अनुमान है। हालांकि, बांड यील्ड में लगातार बढ़ोतरी होने के कारण गैरउपज वाली संपत्ति सोने से निवेशको ने छोटी अवधि के लिए दुरी बना रखी है। एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट की सोने में होल्डिंग घट कर चार साल के निचले स्तरों पर पहुंच गई है। अमेरिका में आर्थिक मंदी का डर कम होने के बाद से ही निवेशक लम्बी अवधि के गवर्नमेंट बांड यह मान कर बेच रहे है की अर्थव्यवस्था ज्यादा नहीं सिकुड़ेगी। जबकि चीन, जो अमेरिकी ट्रेज़री का सबसे बड़ा होल्डर है, में आर्थिक मंदी रहने के कारण ट्रेज़री में नई खरीद नहीं हो रही है और अमेरिकी डेब्ट की रेटिंग घटने के बाद फेड द्वारा भी बांड खरीद कम हुई है जिससे बांड यील्ड में बढ़ोतरी हुई है और कीमती धातुओं के भाव में दबाव बना हुआ है। रोज़गार बाजार और मुद्रास्फीति में स्थिरता ब्याज दरों को लम्बी अवधि के लिए उच्च स्तरों पर बनाये रख सकता है, हालांकि ग्लोबल अर्थव्यवस्था की सुस्त चाल और भूराजनीतिक मुद्दो के रहते सोने में लम्बी अवधि की तेज़ क़ायम रह सकती है। पिछले सप्ताह एमसीएक्स दिसंबर वायदा सोने में 2 प्रतिशत की गिरावट के बाद भाव 56500 रुपये प्रति दस ग्राम और चांदी में 4.5 प्रतिशत की गिरावट के बाद भाव 66800 रुपये प्रति किलो पर रहे।
तकनिकी विश्लेषण :
इस सप्ताह कीमती धातुओं के भाव सीमित दायरे में रह सकते है। एमसीएक्स दिसंबर वायदा सोने में सपोर्ट 55000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 58000 रुपये पर है। दिसंबर वायदा चांदी में सपोर्ट 62000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 70000 रुपये पर है।