अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में गुरुवार को अगस्त 2008 के बाद से, और इस साल अप्रैल में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि के बाद साल-दर-साल की सबसे बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मुद्रास्फीति बढ़ने के अनुमान पर यूरोप से अमेरिका तक की बांड यील्ड में गिरावट रही, और सोना-चांदी की कीमते चमकती दिखाई दी है। आर्थिक राहत के प्रवाह से सोना-चांदी, निवेशक के बीच लोकप्रिय बना हुआ है।
गुरुवार को यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने विकास दर और मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है जिससे सोने -चांदी मे तेज़ी देखि गई। यूरोप और अमेरिकी केंद्रीय बैंको के अनुसार मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी अर्थव्यवस्थाओं के कोरोना महामारी से उबरने के कारण है। और वर्त्तमान परिस्तिथि के लिए राहत पैकेज जारी रहना आवश्यक है। जिससे लम्बी अवधि के लिए मुद्रास्फीति का डर कम होता है। पिछले सप्ताह घरेलु वायदा सोना 200 रुपये प्रति दस ग्राम और चांदी 1000 रुपये प्रति किलो तक तेज़ हुई है। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी से निवेशकों का भरोसा उठने लगा है जिसके कारण क्रिप्टो करेंसी मे बिकवाली का दबाव है और क्रिप्टो करेंसी के निवेशक सोने और चांदी की तरफ आकर्षित हो रहे है।
आर्थिक आंकड़े
इस सप्ताह निवेशको को अमेरिका से जारी होने वाले महत्वपूर्ण आकड़ो पर नज़र रखना चाहिए जिनमे, मंगलवार को रिटेल सेल्स, पीपीआई, बुधवार को फ़ेडरल रिज़र्व बैंक की बैठक और गुरुवार को बेरोज़गारी दावे के आंकड़े प्रमुख है।
तकनीकी विश्लेषण
इस सप्ताह सोने और चांदी में तेज़ी रहने की सम्भावना है। सोने में 49750 रुपये पर प्रतिरोध तथा 48700 रुपये पर सपोर्ट है। चांदी में 73000 रुपये में प्रतिरोध और 70500 रुपये पर सपोर्ट है।