फेड की ब्याज दरों को लेकर आक्रामक मौद्रिक नीति के रहते अमेरिकी बेंचमार्क ट्रेज़री यील्ड 4.2 प्रतिशत के स्तरों पर पहुंच चुकी है, जो 15 साल का उच्चतम स्तर है। ट्रेज़री यील्ड में तेज़ी रहने से अमेरिकी डॉलर, जो सोने के विपरीत दिशा में चलता है, लगातार 20 सालों की उचाई पर मंडरा रहा है। मजबूत अमेरिकी बांड यील्ड और डॉलर के सामने सोने की कीमतों में गिरावट बनी हुई है और कॉमेक्स वायदा बाजार में सोने के भाव 1630 डॉलर प्रति औंस के निचे फिसल चुके है, जो दो सालों का निचला स्तर है। घरेलु वायदा बाजार में भी सोने की कीमतों में गिरावट आई है, लेकिन रुपय का डॉलर की तुलना में कमजोर रहने से यह गिरावट सीमित बनी हुई है। अमेरिकी डॉलर 82.50 रुपये के स्तरों पर पहुंच चुका है। दुनिया भर में बढ़ती ब्याज दरों ने सोना रखने की अवसर लागत को बढ़ा दिया है। सोने पर आउटलुक इस उम्मीद से मंद है कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति के खिलाफ अपनी लड़ाई में ब्याज दरें बढ़ाना जारी रखेंगे। बाजार में उम्मीद हैं कि फेड नवंबर में दरों में 75 आधार अंकों की वृद्धि करेगा। केंद्रीय बैंक के सदस्यों ने भी हाल ही में चेतावनी दी है कि अगर मुद्रास्फीति समय पर नियंत्रित नहीं हुई तो ब्याज दरें उम्मीद से कहीं ज्यादा बढ़ सकती हैं।
तकनीकी विश्लेषण
इस सप्ताह दिवाली पर बाज़ारो में अवकाश रहने से सोने की मांग सुस्त रह सकती है जिससे कीमतों में गिरावट रहने की सम्भावना है। दिसम्बर वायदा सोने की कीमतों में 49000 रुपये पर सपोर्ट है और 50800 रुपये पर प्रतिरोध है। दिसंबर वायदा चांदी में 53000 रुपये पर सपोर्ट और 57000 रुपये पर प्रतिरोध है।