पिछले सप्ताह फेडरल रिजर्व की एक रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ है कि जुलाई और अगस्त में श्रम बाजार में सुस्ती और धीमी मुद्रास्फीति के दबाव के बीच अमेरिकी आर्थिक विकास मामूली रहा है, जिससे उम्मीदों को बल मिला कि केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी या तो कर दी है, या इसके अंत के करीब है। फेड की बीइंग बुक के मुताबिक जुलाई-अगस्त में आर्थिक विकास माध्यम रहा है। टूरिस्म खर्चो में बढ़ोतरी हुई है, जबकि रिटेल स्पेंडिंग में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। मूल्य वृद्धि धीमी हुई है, लेकिन फेड सर्वे के अधिकतर जिलों ने संकेत दिया कि इनपुट कॉस्ट वृद्धि बिक्री मूल्य से कम धीमी है, क्योकि कम होती मांग के कारण व्यापार बढ़ी हुई लागत को बिक्री मूल्य में शामिल करने में असमर्थ है। लेकिन, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति फिर से बढ़ने की सम्भावना है जिससे यह अनुमान है की फेड सितम्बर में होने वाली बैठक में अपना रुख हॉकिश रखेगा। हालांकि, अमेरिका के आर्थिक आंकड़े यह दर्शाते है की अर्थव्यवस्था की स्तिथि अभी बेहतर बनी हुई है और उम्मीद है की आर्थिक मंदी इस साल के लिए टल जाएगी जिससे सुरक्षित आश्रय की मांग कम हुई है। उधर, चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती, इसके आर्थिक आकड़ो में देखि जा सकती है जिससे अमेरिकी डॉलर के विरुद्ध चीन की मुद्रा में गिरावट देखि जा रही जिससे एशिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा भी गिरावट की चपेट में आ गई है। यूरोपियन यूनियन की मुद्रा यूरो में डॉलर की तुलना में गिरावट बनी हुई है जिससे छः प्रमुख मुद्राओ का मापक अमेरिकी डॉलर इंडेक्स, में तेज़ी देखने को मिल रही है और कीमती धातुओं के भाव में दबाव बना हुआ है। इस सप्ताह अमेरिका मुद्रास्फीति, रिटेल सेल्स, कंस्यूमर सेंटीमेंट और यूरोपियन सेंट्रल बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी, कीमती धातुओं के भाव के लिए महत्वपूर्ण रहेंगी।
तकनिकी विश्लेषण :
इस सप्ताह कीमती धातुओं के भाव सीमित दायरे में रहने की सम्भावना है। एमसीएक्स अक्टूबर वायदा सोने में सपोर्ट 58000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 60000 रुपये पर है। दिसंबर वायदा चांदी में सपोर्ट 68000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 75000 रुपये पर है।