अमेरिकी मुद्रास्फीति (सीपीआई ) के आंकड़े साल दर साल 8.3 प्रतिशत से बढ़कर 8.6 प्रतिशत हो गए है जिससे प्रमुख केंद्रीय बैंको द्वारा मौद्रिक नीति को लेकर आक्रामक रुख बरकार रखने की उम्मीद बढ़ गई है।
और सोने-चांदी के भाव में दबाव बना हुआ है। लेकिन, अमेरिकी फेड द्वारा लगातार ब्याज दरे बढ़ाने के बावजूद मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी हो रही है जो कीमती धातुओं को निचले स्तरों पर सपोर्ट कर रहा है। दुनिया में बढ़ता ऊर्जा और खाद्य संकट, मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की मुख्य वजह है।
यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) ने पिछले सप्ताह हुई मौद्रिक नीति में जुलाई में ब्याज दर एक तिमाही से बढ़ाने का कहा और सितम्बर में फिर से दूसरी बार दरें बढ़ाने के संकेत दिए है। बढ़ती हुई मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंको के साथ यूरोपीय सेंट्रल बैंक द्वारा मौद्रिक नीति को कठोर करना शुरू कर दिया है। ईसीबी ने यह भी कहा कि वह 1 जुलाई को शुद्ध संपत्ति खरीद को भी समाप्त कर देगा।
यूरोज़ोन में मुद्रास्फीति अब 8 प्रतिशत से अधिक हो गई है। घरेलु बाजार में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भी रेपो रेट 0.5 प्रतिशत बढ़ा दिया है। जिसके कारण पिछले सप्ताह सोने और चांदी के भाव दबाव में रहते हुए सीमित दायरे में बने रहे।
अमेरिका के शुरुआती बेरोजगार दावे पिछले हफ्ते लगभग पांच महीनों में उच्चतम स्तर तक बढ़ गए है, जो सुझाव देता है ब्याज दर वृद्धि से नौकरी बाजार तंग हो रहा है। यूएस ट्रेजरी सेक्रेटरी येलन ने अपने बयांन में विकास दर धीमी रहने की बात कही, लेकिन उपभोक्ता खर्च और निवेश में मजबूती को बरक़रार बताया है।
डॉलर, जो सोने के विपरीत दिशा में चलता है, पिछले सप्ताह में 1 प्रतिशत से ज्यादा मजबूत हुआ है। जबकि यूएस बेंचमार्क ट्रेज़री यील्ड लगातार दूसरे सप्ताह बढ़कर 3 प्रतिशत के ऊपर पहुंच गई है।
इस सप्ताह अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व की बैठक है जिसमे 0.50 प्रतिशत ब्याज दरे बढ़ाने की बात कही गई है जिससे सोने-चांदी के भाव में बिकवाली का दबाव बना हुआ है। पिछले सप्ताह घरेलु वायदा बाजार में सोना 0.55 प्रतिशत और चांदी 2 प्रतिशत तक टूटी है।
तकनीकी विश्लेषण:
सोने और चांदी के भाव में इस सप्ताह बिकवाली का दबाव रहने की सम्भावना है। सोने में 49500 रुपये पर सपोर्ट है और 51500 पर प्रतिरोध है। चांदी में 58000 रुपये पर सपोर्ट और 63000 रुपये पर प्रतिरोध है।