उच्च ब्याज दरों के असर से अमेरिका में मुद्रास्फीति घट कर 3 प्रतिशत के स्तरों पर आ गई, जो बाजार में मांग कमजोर रहने के संकेत दे रहे है। मुद्रास्फीति में लगातार कमी, फेड को आगे ब्याज़ दर बढ़ोतरी पर विचार करने के लिए मजबूर कर सकता है। मौद्रिक निति में ढील देने की उम्मीदों से अमेरिकी डॉलर, जो सोने के विपरीत दिशा में चलता है, 100 के स्तरों के निचे पहुंच गया है जो 15 महीने का निचला स्तर है, और जिससे कीमती धातुओं की चमक बढ़ने लगी है। पिछले सप्ताह के आंकड़ों से पता चला है कि अमेरिका के बेहतर श्रम बाजार के बावजूद, अमेरिकी उपभोक्ता और उत्पादक मुद्रास्फीति जून में उम्मीद से कम बढ़ी। हालांकि निवेशकों ने इस साल के बाद दरों में किसी भी बढ़ोतरी की सम्भावना को कम कर दिया है, फिर भी अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा जुलाई में दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, बाजार मूल्यांकन से संकेत मिलता है कि फेड 2024 में दरें कम करना शुरू कर सकता है। एमसीएक्स में अगस्त वायदा सोने के भाव पिछले सप्ताह 0.76 प्रतिशत बढ़ कर 59250 रुपये दस ग्राम रहे जबकि सितम्बर वायदा चांदी के भाव सप्ताह में 6 प्रतिशत बढ़कर 75800 रुपये प्रति किलो के स्तरों पर पहुंच गए है। अमेरिका में उच्च दरे रहने के दौरान अर्थव्यवस्था का बेहतर प्रदर्शन चांदी की कीमतों को सपोर्ट कर रहा है। इंदौर सराफा बाज़ार में 10 ग्राम सोने के भाव 58700 रुपये रहे जबकि चांदी के भाव 79500 रुपये प्रतिकिलो पर प्रीमियम पर कारोबार करते दिखे।
तकनिकी विश्लेषण :
इस सप्ताह कीमती धातुओं में तेज़ी रह सकती है। एमसीएक्स अगस्त वायदा सोने में सपोर्ट 58300 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 60000 रुपये पर है। सितम्बर वायदा चांदी में सपोर्ट 72500 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 77000 रुपये पर है।