सोने के भाव में लगातार तीसरे सप्ताह भी तेज़ी जारी रही वही प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के आंकड़े मजबूत रहने से चांदी में भी तेज़ी देखि गई। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स पिछले सप्ताह 1.21 प्रतिशत टुटा जिसकी कमजोरी के चलते सोने और चांदी के भाव में तेज़ी बनी रही। लेकिन, वैश्विक आर्थिक आकड़ो में सुधार के साथ मुद्रास्फीति में भी गिरावट दर्ज की गई है जिससे कीमती धातुओं की तेज़ी में लगाम लगी है। मुद्रास्फीति घटने के बावजूद फेड सदस्यों द्वारा ब्याज दरे बढ़ाने की बात कही गई है जिससे सोने और चांदी में मुनाफा वसूली भी देखने को मिल रही है।
अमेरिकी मुद्रास्फीति आकड़ो के बाद उत्पादक मूल्य मुद्रास्फीति (पीपीआई) में भी अप्रत्याशित गिरावट दर्ज की गई है। मौद्रिक नीति पर अमेरिकी फेड का रुख अभी आक्रामक है। भारत में भी अमेरिकी फेड के साथ-साथ ब्याज दरों में वृद्धि हुई है और त्यौहार की मांग आने में थोड़ा समय बाकि रहने से सोने और चांदी की कीमते लम्बी अवधि के लिहाज से अभी सीमित दायरे में बनी हुई है जिससे इनमे ऊपरी स्तरों पर दबाव बनने की सम्भावना भी नज़र आती है।
अमेरिका, चीन और भारत में मुद्रास्फीति में कमी सोने की बढ़त को फीका कर सकती है लेकिन भूराजनीतिक मुद्दो से निचले स्तरों पर सपोर्ट भी मिलता रहेगा। इस सप्ताह अमेरिका से जारी होने वाले रिटेल सेल्स और एफओएमसी मीटिंग के मिनट्स सोने और चांदी के भाव के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
तकनीकी विश्लेषण
कीमती धातुओं में इस सप्ताह ऊपरी स्तरों पर दबाव रहने की सम्भावना है। अक्टूबर वायदा सोने की कीमतों में 51700 रुपये पर सपोर्ट है और 53200 रुपये पर प्रतिरोध है। सितम्बर वायदा चांदी में 57300 रुपये पर सपोर्ट और 59700 रुपये पर प्रतिरोध है।