भारत में आमतौर पर कीमती धातुओं की खरीद साल की दूसरी छह माहि में बढ़ती हुई दिखाई देती है। इस बीच, कच्चे तेल के भाव में बढ़त और सोने के इम्पोर्ट में बढ़ोतरी से भारत का ट्रेड बैलेंस -20.7 बिलियन बढ़कर -24 बिलियन हो गया है जिससे डॉलर मजबूत हो कर 83.20 रुपये पर पहुंच गया है। भारत में त्यौहार शुरू होने के पहले सोने का इम्पोर्ट इस साल अगस्त 2022 की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक रहने का अनुमान है जिससे सोने और चांदी के भाव को घरेलु मांग का सपोर्ट भी मिल रहा है। जबकि इस साल मानसून कमजोर रहने के चलते मुद्रास्फीति को बल मिल सकता है जो सेफ हैवन मांग बढ़ा सकता है। कॉमेक्स वायदा में सोने और चांदी की कीमतों में दो हफ्तों से चल रहा दबाव फेड बैठक के पहले कम होता दिखाई दिया है। अमेरिकी कंस्यूमर और प्रोडूसर मुद्रास्फीति में हुई बढ़ोतरी मामूली रहने के चलते अनुमान लगाया जा रहा है की फेड इस सप्ताह होने वाली बैठक में ब्याज दरे नहीं बढ़ाएगा। हालांकि, बढ़ती मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करने के लिए हॉकिश टिपण्णी, कीमती धातुओं के भाव में बढ़ोतरी की सम्भावना को सीमित कर सकती है। यूरोपियन सेंट्रल बैंक द्वारा पिछले सप्ताह मुद्रास्फीति को स्थिर करने के लिए डिपोसिट रेट में बढ़ोतरी की गई है जबकि चीन द्वारा अपनी अर्थव्यस्था को बढ़ाने और लोकल बैंक को सपोर्ट करने के लिए रिज़र्व आवश्यकता में कटौती की है, जो चांदी की ग्लोबल मांग के लिए अच्छा होगा। इस सप्ताह फेड की बैठक कीमती धातुओं के भाव को नै दिशा है।
तकनिकी विश्लेषण :
इस सप्ताह कीमती धातुओं के भाव में सुधार रहने की सम्भावना है। एमसीएक्स अक्टूबर वायदा सोने में सपोर्ट 58000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 59700 रुपये पर है। दिसंबर वायदा चांदी में सपोर्ट 70000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 74000 रुपये पर है।