यूएस फेड के नरम रुख के कारण कीमती धातुओं में तेजी आई और ब्याज दर को उम्मीदों के अनुरूप रखा गया। फेड मीटिंग के बाद यूएस बेंचमार्क ट्रेजरी यील्ड 2.7 प्रतिशत के करीब फिसल गया।
अमेरिका से जारी अग्रिम जीडीपी डेटा ने अर्थव्यवस्था में मंदी का संकेत दिया क्योंकि डेटा पूर्वानुमान से कमजोर रहा।
गुरुवार को जारी अमेरिकी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दूसरी तिमाही में -0.9 प्रतिशत रहा, जिसने कीमती धातुओं में सेफ हेवेन के चलते तेज़ी देखने को मिली। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों को 75 आधार अंकों से बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया, जैसा कि बाजार को उम्मीद थी।
फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सितंबर की बैठक में अंतिम दर वृद्धि का निर्णय आने वाले आर्थिक आंकड़ों द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
हालांकि, पॉवेल ने आर्थिक मंदी आने की सम्भवना को मना किया और दर वृद्धि की स्थिति की समीक्षा के लिए जगह छोड़ी है जिससे स्पष्ट होता है की अगले साल ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं होगी, इससे डॉलर और अमेरिकी ट्रेज़री यील्ड में गिरावट आई है और सोना-चांदी के भाव तेज़ हुए।
यूरोप और एशिया से सोने-चांदी की हाज़िर मांग मजबूत रहने से भी कीमती धातुओं के भाव को सपोर्ट मिला है। डॉलर की तुलना में रुपये में पिछले सप्ताह सुधार दर्ज किया गया है जिससे कीमती धातुओं में ऊपरी स्तरों पर मुनाफा वसूली भी देखि गई। पिछले सप्ताह सोने के भाव 1 प्रतिशत जबकि चांदी के भाव 5 प्रतिशत तक तेज़ हुए है।
तकनीकी विश्लेषण
कीमती धातुओं के भाव इस सप्ताह सीमित दायरे में रहने की सम्भावना है। अक्टूबर वायदा सोने की कीमतों में 51000 रुपये पर सपोर्ट है और 51800 रुपये पर प्रतिरोध है। सितम्बर वायदा चांदी में 55500 रुपये पर सपोर्ट और 58500 रुपये पर प्रतिरोध है।