एमसीएक्स में सोने की कीमते अपने उच्चतम स्तरों को पार कर चुकी है और स्थिर बनी हुई है। बढ़ती आर्थिक मंदी पर बढ़ती चिंताओं के बीच, एशिया भर से पर्चेसिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) आकड़ो ने सोने की सुरक्षित मांग को काफी हद तक मजबूत बना रखा है। नवंबर में सोना मजबूत रहा, क्योंकि बाजार को यकीन हो गया है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में और वृद्धि नहीं करेगा, और 2024 में दरों में कटौती शुरू कर देगा। लेकिन संभावित ब्याज दरों में कटौती का समय बाजारों के लिए अनिश्चितता का एक प्रमुख बिंदु बना हुआ है। सोने के साथ -साथ निवेशकों का भरोसा जोखिम सम्पत्तिओं में भी बढ़ने लगा जिससे सोना और सेंसेक्स अपने उच्चतम स्तरों पर पहुंच गए है। भू-राजनीतिक मुद्दों और उच्च ब्याज दरों के कारण जारी अनिश्चितता के कारण सोने और इक्विटी के बीच विपरीत संबंध टूट गया है, और इन मुद्दो के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि धीमी हो गई है जिससे सुरक्षित आश्रय की मांग बढ़ गई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था दबाव में है जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था फल-फूल रही है और विदेशी निवेशक भारतीय बांड में रुचि लेने लगे हैं जो निवेशकों को जोखिम भरी संपत्तियों की ओर भी आकर्षित कर रहा है। अमेरिका के तीसरी तिमाही के आंकड़े बेहतर दर्ज किये गए है और अगले साल ब्याज दर कटौती की उम्मीद से बेंचमार्क अमेरिकी ट्रेज़री यील्ड में गिरावट बनी हुई है जो सोने और चांदी के भाव को सपोर्ट कर रही है। अमेरिकी सकल घरेलू उत्पाद तीसरी तिमाही में 5.2 प्रतिशत वार्षिक दर से बढ़ रहा है, जो पहले बताए गए 4.9 प्रतिशत से संशोधित है और 2021 की चौथी तिमाही के बाद से सबसे तेज़ विस्तार है। मुद्रास्फीति के आंकड़े अब घटने लगे जिससे ब्याज दरों में कटौती जल्द शुरू होने के आसार बनने लगे है। पिछले सप्ताह फरवरी वायदा सोना 2 प्रतिशत तेज़ हो कर 62800 रुपये प्रति दस ग्राम और मार्च वायदा चांदी 3 प्रतिशत तेज़ हो कर 77800 रुपये प्रति किलो पर कारोबार कर रहे है। इस सप्ताह रोज़गार बाज़ार के आंकड़े कीमती धातुओं के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
तकनिकी विश्लेषण
इस सप्ताह कीमती धातुओं के भाव में तेज़ी रह सकती है। एमसीएक्स फ़रवरी वायदा सोने में सपोर्ट 61800 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 64000 रुपये पर है। मार्च वायदा चांदी में सपोर्ट 74000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 80000 रुपये पर है।