पिछले सप्ताह मौद्रिक नीति पर फेड के कम आक्रामक रहने से सोने की कीमतों में तेजी आई। ब्याज दर बढ़ोतरी की सीमित गुंजाइश की प्रत्याशा में, अमेरिका और यूरोप में हाल के बैंकिंग संकट ने कीमती धातुओं की मांग को बढ़ा दिया है, और डॉलर इंडेक्स को सात सप्ताह के निचले स्तर पर खींच लिया। फेड ने संकेत दिया कि वह आगे की आर्थिक प्रतिकूलताओं को रोकने के लिए अपनी तंग मौद्रिक नीति में नरमी पर विचार कर सकता है।
जबकि फेड ने उम्मीद के मुताबिक ब्याज दरों में बढ़ोतरी की और कहा कि यह मुद्रास्फीति को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, फेड की भाषा में बदलाव से बाजार को उम्मीद है की ब्याज दर बढ़ोतरी का पीक निकट है। डॉलर इंडेक्स में गिरावट रहने से सोने -चांदी के साथ अन्य कमोडिटी के भाव को भी फायदा मिल रहा है। फेड ने पिछले सप्ताह उम्मीद मुताबिक 0.25 प्रतिशत ब्याज दरें बढ़ाई है और अर्थव्यवस्था को नुकसान से बचाने के लिए लिए मौद्रिक नीति में नरमी रखने के संकेत दिए है। फेड ने अभी ब्याज दर कटौती से इंकार किया है। लगातार ब्याज दर वृद्धि होने के कारण अमेरिका के कुछ बैंक दिवालिया हो गए है और कई बैंको की वित्तीय हालत ख़राब होने से आगे ब्याज दरों में बढ़ोतरी बैंकिंग संकट को बढ़ा सकता है। वित्तीय संकट की सम्भावना के चलते निवेशकों में निवेश के लिए सुरक्षित आश्रय की मांग बढ़ी है जिससे सोने और चांदी की चमक लगातार बढ़ती दिख रही है। फेड के अतिरिक्त यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने 0.5 प्रतिशत और बैंक ऑफ़ इंग्लैंड ने 0.25 प्रतिशत ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। हालांकि, पिछले सप्ताह प्रमुख बैंको की मौद्रिक नीति रहने के चलते सोने के भाव में उठा-पटक देखि गई और सप्ताह में सोना मामूली बढ़त दर्ज करते हुए 59500 रुपये प्रति दस ग्राम पर रहा, जबकि चांदी के भाव में 3 प्रतिशत की साप्ताहिक बढ़त दर्ज की गई है और इसके भाव 70400 रुपये प्रति किलो के स्तरों पर पहुंच गए है।
तकनिकी विश्लेषण:
इस सप्ताह कीमती धातुओं में तेज़ी रहने की सम्भावना है। सोने में सपोर्ट 58000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 60000 रुपये पर है। चांदी में सपोर्ट 68000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 72000 रुपये पर है।