अमेरिकी मुद्रास्फीति के कम होने से निवेशकों में उम्मीद बढ़ गई है कि फेडरल रिजर्व आने वाले महीनों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गति को कम कर देगा क्योकि मुद्रास्फीति अब नियंत्रित होती दिखाई दे रही है। ब्याज दरों में वृद्धि की गति धीमे होने की उम्मीद में सोने की कीमतें पिछले सप्ताह में ढाई महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई और पिछले कुछ महीनों में पिछला सप्ताह कीमती धातुओं के लिए सबसे अच्छा रहा, जिसमे घरेलु वायदा बाजार में सोना 3 प्रतिशत तेज़ हो कर 52500 रुपये प्रति दस ग्राम और चांदी भी 3 प्रतिशत तेज़ हो कर 62500 रुपये प्रति किलो के स्तरों पर पहुंच गई है। अमेरिकी मुद्रास्फीति ( सीपीआई) अक्टूबर में पिछले नौ महीनों में सबसे धीमी गति पर रही। अक्टूबर के लिए हाल ही में जारी अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) रिपोर्ट 7.9 प्रतिशत के अनुमान की तुलना में 7.7 प्रतिशत साल-दर-साल रही, जो सितंबर की रिपोर्ट में 8.2 प्रतिशत थी। मुद्रास्फीति की यह रिपोर्ट अमेरिकी फेड के आक्रामक निर्णय को बदल सकती है जिसका असर बाजार में देखने को मिल रहा है। बाज़ार में फेड द्वारा ब्याज दरें 75 आधार अंक बढ़ाने की जगह 50 आधार अंक बढ़ाने की अटकले तेज़ हो गई है। अमेरिकी डॉलर, जो सोने के विपरीत दिशा में चलता है, लगभग तीन महीनों के निचले स्तरों पर पहुंच गया है, जबकि 10 साल की अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड 4 प्रतिशत के नीचे फिसल गई है, जो एक महीने का निचला स्तर है। भारत में शादी सीजन शुरू होने से कीमती धातुओं की हाज़िर मांग अभी मजबूत रहने की सम्भावना है। सोने के विकल्प के रूप में मानी जाने वाली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन अपने उच्चतम स्तरों से 75 प्रतिशत टूट चुकी है, जिससे निवेशकों का भरोसा सोने में बना हुआ है।
तकनीकी विश्लेषण
इस सप्ताह कीमती धातुओं में तेज़ी जारी रहने की सम्भावना है। दिसम्बर वायदा सोने की कीमतों में 51400 रुपये पर सपोर्ट है और 53200 रुपये पर प्रतिरोध है। दिसंबर वायदा चांदी में 61000 रुपये पर सपोर्ट और 63500 रुपये पर प्रतिरोध है।