कीमती धातुओं के भाव में पिछले सप्ताह लगातार गिरावट होती रही, लगभग तीन महीनों में इसका न्यूनतम स्तर और नवंबर 2020 के बाद से इसमे सबसे गहरी मंदी वाला सप्ताह रहा है। अमेरिकी ट्रेजरी की पैदावार में लगातार होती बढ़त, सोने में निवेश की मांग कम कर रही है। अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व के डॉलर प्रिंटिंग प्रेस धीरे होने के संकेत से, 10 साल की अमेरिकी ट्रेजरी की पैदावार ऊपर की ओर बढ़ रही है, और यह एक साल के शिखर के करीब है।
आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ने की सम्भावना है जिससे राहत पैकेज मे कमी की जा सकती है और कीमती धातुओं के भाव मे मंदी रह सकती है। डॉलर इंडेक्स में रुख तेज़ी का दिखाई पड़ता है। निवेशकों ने पिछले एक सप्ताह में अमेरिका के बेरोज़गारी दावों में अप्रत्याशित वृद्धि को पचाना जारी रखा है और कोवीड के नए मामले मे गिरावट, कीमती धातुओं के भाव मे दबाव बढ़ा रहे है।
इस बीच, गुरुवार को जारी स्विस कस्टम्स के आंकड़ों में कहा गया है कि भारत को मासिक सोने का निर्यात मई 2019 से अपने उच्चतम स्तर पर है, जबकि चीन और हांगकांग को निर्यात निचले स्तरों पर चल रहा है। पिछले सप्ताह घरेलु वायदा सोना 1400 रुपय टूट कर 46000 प्रति दस ग्राम के निचले स्तरों पर पहुंच गया है। चाँदी वायदा मे भी सप्ताह मे 1000 रुपय प्रति किलो तक की मंदी दर्ज की गई है और इसके भाव 68000 प्रति किलो के करीब रहे है।
तकनीकी विश्लेषण
घरेलु वायदा सोने मे कीमतें 50 दिन के साप्ताहिक औसत के नीचे आ चुकी है और 100 दिन का डेली औसत 200 दिन के डेली औसत के निचे पहुंच गई है जो सोने के भाव मे मंदी का संकेत देता है। सोने मे 47000 रुपय पर प्रतिरोध तथा 45500 पर सपोर्ट है। चाँदी मे 69500 रुपय पर प्रतिरोध और 67000 पर सपोर्ट है।