कीमती धातुओं के भाव में आक्रामक मौद्रिक नीति के चलते लगातार बिकवाली का दबाव बना हुआ है। पिछले सप्ताह सोने के भाव 50000 प्रति दस ग्राम के भीतर कारोबार करते नज़र आये जबकि प्रति किलो चांदी के भाव 52000 रुपये के निचले स्तरों को छू चुके है। अमेरिकी डॉलर, जो सोने के विपरीत दिशा में चलता है, में फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल के बयान के बाद से ही तेज़ी जारी है और यह 110 के स्तरों के करीब पहुंच गया है जिससे सोने के भाव में दबाव बना हुआ है। अमेरिका से जारी होने वाली रोज़गार रिपोर्ट के आंकड़े लगातार बेहतर रहे है जिससे आर्थिक मंदी का डर कम हुआ है और इससे फेड को कठोर नीति कायम रखने में आसानी होगी। फेड श्रम से सम्बंधित आकड़ो पर कड़ी नजर रख रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि नौकरी बाजार उच्च ब्याज दरों के प्रति कितनी सहनशीलता रखता है। पिछले सप्ताह जारी पैरोल के आकड़ो में नॉन फार्म एम्प्लॉयमेंट चेंज के आंकड़े अनुमान से बेहतर दर्ज किये गए जबकि बेरोज़गारी दर में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन यह दर 4 प्रतिशत के नीचे रही जिसको फेड पूर्ण रोज़गार की स्थिति मानता है। अमेरिकी बेंचमार्क ट्रेज़री यील्ड चार साल के ऊपरी स्तरों पर पहुंच चुकी है जिससे डॉलर इंडेक्स को सपोर्ट मिला हुआ है और नॉन यील्डिंग सोने-चांदी की कीमतों में दबाव बन रहा है। ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग आकड़े कमजोर रहने के कारण चांदी के भाव में बिकवाली का दबाव है। इस सप्ताह गुरुवार को यूरोपियन सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति कीमती धातुओं के लिए महत्वपूर्ण रहेंगी।
तकनीकी विश्लेषण:
इस सप्ताह कीमती धातुए में मंदी रहने की सम्भवना है। अक्टूबर वायदा सोने की कीमतों में 49000 रुपये पर सपोर्ट है और 51000 रुपये पर प्रतिरोध है। दिसंबर वायदा चांदी में 51000 रुपये पर सपोर्ट और 54500 रुपये पर प्रतिरोध है।