डॉलर में छोटी अवधि की गिरावट के कारण कीमती धातुओं के भाव में मजबूती बनी हुई हालांकि पिछले सप्ताह में फेड बैठक के मिनट्स जारी हुए और अमेरिकी बाज़ारो में थैंक्सगिविंग डे के चलते अवकाश रहा जिससे कीमती धातुओं के भाव सीमित दायरे में बने रहे और सोने में मुनाफा वसूली देखि गई। डॉलर, जो सोने के विपरीत दिशा में चलता है, 22 साल की उच्च स्तरों से 8 प्रतिशत टूट चुका है। फेड द्वारा अपनी बैठक के मिनट्स में संकेत दिए है की लगातार हो रही ब्याज दर वृद्धि की गति को कम किया जायेगा जिससे विश्व में उभरती अर्थव्यवस्था को राहत मिलेगी। फेड के मौद्रिक निति पर नरमी से अमेरिकी बेंचमार्क ट्रेज़री यील्ड फिसल कर 3.68 प्रतिशत के स्तरों पर पहुंच गई जिससे डॉलर फिसल गया और कीमती धातुओं में तेज़ी रही।
आने वाले महीनों में कीमती धातुओं की मांग अच्छी रहने के आसार बने हुए है क्योकि डॉलर के 22 साल की उचाई से पीछे हट गया है और वैश्विक आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है। पिछले सप्ताह अमेरिका और जापान जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था के पर्चेसिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) में कमजोरी के साथ चीन में बढ़ता कोविड -19 का संक्रमण सेफ हैवन मांग बढ़ा रहा है। भारत में वेडिंग सीजन के कारण सोने की मांग मजबूत बनी हुई। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर तिमाही में केंद्रीय बैंकों ने 400 मीट्रिक टन सोना खरीदा है, जो सामान्य तौर पर साल भर की खरीद के बराबर है। केंद्रीय बैंको द्वारा सोने की खरीद में बढ़ोतरी कीमती धातुओं के भाव में मजबूती के संकेत देता है।
आर्थिक आंकड़े
इस सप्ताह फेड प्रमुख पॉवेल की अर्थव्यवस्था और श्रम बाजार पर स्पीच, अमेरिकी पैरोल के आंकड़े, अमेरिका, चीन और जापान के मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के आंकड़े और ओपेक देशो की बैठक कीमती धातुओं के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
तकनीकी विश्लेषण
इस सप्ताह कीमती धातुओं में दिसंबर वायदा की कटान रहने से कीमते सीमित दायरे में रह सकती है। फरवरी वायदा सोने की कीमतों में 52300 रुपये पर सपोर्ट है और 53700 रुपये पर प्रतिरोध है। मार्च वायदा चांदी में 61500 रुपये पर सपोर्ट और 64500 रुपये पर प्रतिरोध है।