पिछले सप्ताह अब तक सोने में लगभग 1.6 प्रतिशत तक की तेज़ी हुई और जनवरी में सोना लगातार दूसरे साप्ताहिक लाभ के लिए तैयार रहा। हालांकि 2022 में इसकी सकारात्मक शुरुआत हुई है, लेकिन यह सोने के लिए एक कठिन वर्ष हो सकता है। क्योकि ज्यादातर प्रमुख केंद्रीय बैंक ब्याज दरे बढ़ाने के लिए तैयार है।
हालांकि कीमती धातुओं के निवेशकों ने अमेरिकी. फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसले को अब तक पचा लिया है जिससे कीमती धातुओं ने लगातार दूसरे सप्ताह भी बढ़त दर्ज की है। निवेशक अब फेड के अगले नीतिगत फैसले का इंतजार कर रहे हैं, जो इस सप्ताह 26 जनवरी को दिया जाएगा। आर्थिक आकड़ो के मोर्चे पर, गुरुवार को जारी अमेरिकी आंकड़ों के मुताबिक पूरे सप्ताह में 286000 प्रारंभिक बेरोजगार दावे दायर किए गए, जो तीन महीने का उच्च स्तर है। जनवरी में फिलाडेल्फिया फेडरल रिजर्व मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स बढ़ कर 23.2 रहा। मौजूदा घरेलू बिक्री घट कर 6.18 मिलियन पर रही। चीन के तिमाही जीडीपी के आंकड़े अनुमान से बेहतर दर्ज किये गए। जापान से जारी आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में साल-दर-साल 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और राष्ट्रीय सीपीआई में दिसंबर में साल-दर-साल 0.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ब्रिटैन से जारी हुए मुद्रास्फीति (सीपीआई) के आकड़ो में भी वृद्धि दर्ज की गई है। कच्चे तेल के भाव में पिछले सप्ताह ₹250 रुपये प्रति बैरल की वृद्धि देखि गई। बढ़ते हुए कच्चे तेल के भाव से एक बार फिर मुद्रास्फीति बढ़ने का डर निवेशकों में रहा जिसके कारण शेयर बाज़ारो में बिकवाली का दबाव बना रहा और कीमती धातुओं में सुरक्षित निवेश की मांग मजबूत हुई है। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव और ब्रिटैन में चल रही राजनितिक उठा पटक, कीमती धातुओं को सपोर्ट कर रही है। चीन ने पिछले सप्ताह अपनी एक और पांच साल की लोन प्राइम रेट पर कटौती कर दी और बैंक ऑफ़ चाइना के वाईस गवर्नर ने आगे भी राहत पैकेज देने के संकेत देकर बाजार की उम्मीद को बढ़ाया है। जिससे कीमती धातुओं की चमक बढ़ने लगी है।
तकनिकी विश्लेषण
सोने और चांदी के भाव इस सप्ताह अमेरिकी फ़ेडरल बैंक की बैठक होने से, सीमित दायरे में रह सकते है। सोने को ₹47000 रुपये पर सपोर्ट और ₹47800 रुपये पर प्रतिरोध है। चांदी को ₹63000 रुपये पर सपोर्ट और ₹66000 रुपये पर प्रतिरोध है।