पिछले सप्ताह हुई ओपेक देशो की बैठक में कच्चे तेल के उत्पादन में अनुमान से धीमी गति से बढ़ोतरी करने और मांग बढ़ने के संकेत पर अमेरिकी कच्चा तेल 2 डॉलर प्रति बैरल तक तेज़ हुआ है। और ऑक्टूबर 2018 के स्तरों पर कीमते पहुंच चुकी है।
ओपेक और अन्य तेल उत्पादक देश अपनी बैठक में अगस्त और दिसंबर के बीच बाजार में लगभग 20 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) तेल जोड़ने की ओर बढ़ रहा है। उत्पादन में 50 लाख बीपीडी तक बढ़ोतरी का अनुमान था लेकिन इसको घटा देने पर कच्चे तेल के भाव में तेज़ी जारी रही। कच्चे तेल की बढ़ती हुई मांग के कारण केवल 20 लाख बैरल की आपूर्ति बढ़ाना, कीमतों को सपोर्ट कर रही है। बाजार अनुमानित उत्पादन वृद्धि को आसानी से अवशोषित कर सकता है।
अनुमान के मुताबिक 50 लाख बैरल प्रतिदिन तक भी बाजार अवशोषित कर सकता है। अनुमान है कि साल की दूसरी छमाही में तेल की मांग में तेजी आएगी क्योंकि अधिक लोगों को कोवीड-19 के खिलाफ टीका लगाया जा चुका होगा और यात्रा प्रतिबंधों में ढील दे दी जाएगी। वर्ष की पहली छमाही में, आर्थिक सुधार और तेल की मांग में वृद्धि हुई है।
पिछले सप्ताह जारी ऊर्जा सूचना प्रशासन के आंकड़ों से पता चलता है कि बढ़ती मांग के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार पिछले सप्ताह भी घट गया है। एमसीएक्स जुलाई वायदा में पिछले सप्ताह 150 रुपये प्रति बैरल तक की तेज़ी देखि गई है और इसके भाव 5650 रुपये प्रति बैलर के स्तरों पर पहुंच गए है। ब्रेंट और अमेरिकी डब्लूटीआई कच्चे तेल के भाव 75 डॉलर प्रति बैरल के स्तरों पर है।
तकनीकी विश्लेषण:
एमसीएक्स कच्चे तेल के जुलाई वायदा में इस सप्ताह तेज़ी जारी रह सकती है और इसमें 5750 रुपये पर प्रतिरोध है और 5300 रुपये पर सपोर्ट है।