रॉयटर्स सर्वे के मुताबिक, ओपेक के कच्चे तेल के उत्पादन में जनवरी महीने में प्रति दिन 160,000 बैरल प्रति दिन की वृद्धि हुई है क्योंकि ओपेक और गठबंधन 2021 के पहले महीने में उत्पादन में कटौती को कम कर रहा है। ओपेक के स्रोतों के अनुसार ओपेक का उत्पादन जनवरी में औसत 25.75 मिलियन बैरल प्रति दिन रहा, दिसंबर से 160,000 बैरल प्रति दिन और लगातार सातवें महीने में कार्टेल ने अपना उत्पादन बढ़ाया है।
जबकि उत्पादन में बढ़त पिछले महीने में अधिकांश लीबिया से है, जिसे ओपेक गठबंधन मे कटौती से छूट दी गई है। जनवरी में उत्पादन में वृद्धि आश्चर्यजनक नहीं है क्योकि ओपेक गठबंधन ने जनवरी में उत्पादन में 500,000 बैरल प्रति दिन जोड़ने का फैसला किया था।
पूरे समूह के लिए 500,000 बैरल प्रति दिन के कोटे में से, ओपेक की बढ़ी हुई उत्पादन की हिस्सेदारी लगभग 300,000 बैरल प्रति दिन है। इसलिए, जनवरी में उत्पादन की सबसे बड़ी वृद्धि क्रमशः ओपेक के नंबर एक और नंबर दो उत्पादकों, सऊदी अरब और इराक से हुई है, क्योंकि उनका उत्पादन मे हिस्सा अधिक है।
जनवरी में ओपेक के उत्पादन में तीसरा सबसे बड़ा इज़ाफा ईरान से आया है, जो लीबिया की तरह ओपेक गठबंधन की कटौती से मुक्त है। कच्चे तेल की कीमतों मे मांग कम होने की सम्भावना और उत्पादन अधिक होने से ऊपरी स्तरों पर दबाव है और नए कोवीड-19 वायरस महामारी को लंबे समय तक जारी रख सकता है, जिससे मांग घट सकती है।
तकनीकी विश्लेषण:
इस सप्ताह फ़रवरी वायदा कच्चे तेल की कीमतों मे ऊपरी स्तरों पर दबाव रहने की सम्भावना है। इसमें 4025 रुपय के ऊपरी स्तरों पर प्रतिरोध एवं 3650 रुपय के निचले स्तरों पर सपोर्ट है।