वैश्विक स्तर पर बढ़ते कोवीड-19 मामलों के कारण चल रही अनिश्चितता और डेल्टा संस्करण के निरंतर प्रसार से, साथ ही अफगानिस्तान के भू राजनितिक मुद्दों के कारण अनिश्चितता बढ़ी है जिससे सोने के भाव को सपोर्ट मिला हुआ है। घरेलु बाजार में डॉलर 0.15 प्रतिशत साप्ताहिक तेज़ हुआ है।
लेकिन अमेरिका से अपेक्षाकृत सकारात्मक आर्थिक आंकड़ों ने डॉलर, जो सोने के विपरीत दिशा में चलता है को एक मजबूती दी है जिसके कारण सोने और चांदी के भाव में दबाव बना हुआ है। डॉलर उम्मीदों से अधिक तेज़ हुआ है जिसके पीछे की वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व है जो इस साल प्रोत्साहन को कम करना शुरू कर सकता है। जैसा कि पिछले सप्ताह प्रकाशित, जुलाई की बैठक के मिनटों से पता चलता है।
चीन में डेल्टा वेरिएंट के कारण आंशिक प्रतिबंध होने से औद्योगिक मांग घटी है जिसके कारण चांदी के भाव में तुलनात्मक रूप से अधिक मंदी पिछले कुछ सप्ताह में रही है। दूसरी तरफ, वैश्विक स्तरों पर प्रतिबंद होने के कारण कच्चे तेल की मांग भी घटने की सम्भावना होने से कीमतों में दबाव है। सोना-कच्चे तेल का अनुपात बढ़ने लगा है और कच्चे तेल की कीमते सपोर्ट स्तरों पर है।
कच्चे तेल में अगर आगे भी गिरावट होती है तो सोने के भाव में दबाव रह सकता है। एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट में होल्डिंग्स अगस्त माह में घट कर 1015 टन के निचले स्तरों पर है। अमेरिका में नए बेरोजगारी दावों की संख्या पिछले सप्ताह गिरकर 17 महीने के निचले स्तर पर आ गई, जिसके मुताबिक एक और महीने में मजबूत रोजगार वृद्धि हुई है। अफगानिस्तान में बढ़ती चिंताओं के कारण सोने में सेफ हेवन मांग का सपोर्ट है।
साप्ताहिक आंकड़े
इस सप्ताह अमेरिका के प्रमुख आंकड़े है जिनमे : सोमवार को फ़्लैश मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई, बुधवार को कोर दुरेबल गुड्स ऑर्डर्स, गुरुवार को बेरोज़गारी दावे, प्रिलिम जीडीपी, जैक्सनहोल सिम्पोसियम और शुक्रवार को आर्थिक नजरिये पर फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल का बयान है।
तकनीकी विश्लेषण
इस सप्ताह सोने और चांदी के भाव पर दबाव रह सकता है। सोने में 48200 रुपये पर प्रतिरोध है और 47000 रुपये पर सपोर्ट है। चांदी में 64000 रुपये पर प्रतिरोध और 61000 रुपये पर सपोर्ट है।