कीमती धातुओं में इस सप्ताह भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की सम्भावना के बीच, कीमतों में बिकवाली का दबाव देखा गया। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मजबूती और मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी निवेशकों को वैश्विक ब्याज दरों के दायरे पर पुनःविचार करने के लिए बाध्य कर रहा है। ग्लोबल बॉन्ड मार्केट में बिकवाली के कारण अमेरिकी बेंचमार्क ट्रेज़री यील्ड 2007 के स्तरों के करीब जबकि यूके में बांड यील्ड 2008 के उच्च स्तरों के करीब पहुंच गई है। दरसल, पिछले सप्ताह फेड के मीटिंग मिनट्स जारी हुए जिसमे स्पष्ट हुआ है की फेड के ज़्यादातर सदस्य आगे भी ब्याज दर बढ़ोतरी के पक्ष में है, जिससे बांड यील्ड में बढ़ोतरी देखने को मिल रही और इसके सपोर्ट से अमेरिकी डॉलर इंडेक्स मजबूत हुआ है। मजबूत बांड यील्ड से डॉलर 83.1 रुपये हो गया है जिससे घरेलु बाज़ार में सोने में कॉमेक्स वायदा की तुलना में कम गिरावट रही।अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट के प्रमुख कारणों में से एक 10-वर्षीय भारत सरकार बांड और अमेरिकी सरकार बांड के बीच कम होती स्प्रेड है। भारत और अमेरिका में बॉन्ड यील्ड स्प्रेड 2007 के बाद न्यूनतम स्तरों पर है। एमसीएक्स सोने में लगातार तीसरे सप्ताह भी गिरावट रही है और अक्टूबर वायदा सोने में पिछले सप्ताह 0.90 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और भाव 58375 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तरों पर पहुंच गए है। हालांकि एमसीएक्स में सितम्बर वायदा चांदी में पिछले सप्ताह मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
तकनिकी विश्लेषण : इस सप्ताह कीमती धातुओं के भाव दबाव में रहने की सम्भावना है। एमसीएक्स अक्टूबर वायदा सोने में सपोर्ट 57000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 59000 रुपये पर है। सितम्बर वायदा चांदी में सपोर्ट 68000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 71500 रुपये पर है।