फेड मिनटों से स्पष्ट है की फेड, नवंबर की बैठक में 0.75 प्रतिशत अपेक्षित गति से ब्याज दरों में वृद्धि जारी रखेगा और यह बैंक की लगातार चौथी ऐसी दर वृद्धि होगी जिससे पिछले सप्ताह कीमती धातुओं में ऊपरी स्तरों पर बिकवाली का दबाव रहा। तेज़ी से ब्याज दरे बढ़ाने के बावजूद मुद्रास्फीति फेड के अनुसार प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है, और लगातार ब्याज दर वृद्धि के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी की चपेट में आने की सम्भावना बढ़ रही है। पिछले सप्ताह अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े सितंबर में 40 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गए, जो लगातार उपभोक्ता की आय पर दबाव बना रहा है और फेडरल रिजर्व को एक और आक्रामक ब्याज दर वृद्धि करने के लिए मजबूर कर रहा है। अमेरिकी श्रम विभाग द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक ( कोर सीपीआई ) , जिसमें फ़ूड और एनर्जी शामिल नहीं है, एक साल पहले की तुलना में 6.6 प्रतिशत बढ़ा, जो 1982 के बाद का उच्चतम स्तर है। एक महीने पहले से, कोर सीपीआई दूसरे महीने के लिए 0.6 प्रतिशत बढ़ गया है। अगस्त की तुलना में सितंबर में समग्र सीपीआई 0.4 प्रतिशत बढ़ा है। हालांकि, मुद्रास्फीति की वार्षिक दर 8.3 प्रतिशत से थोड़ी धीमी होकर 8.2 प्रतिशत हो गई है। भारत में सितंबर खुदरा मुद्रास्फीति की दर 7.41 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो मुख्य रूप से खाद्य मुद्रास्फीति में उछाल के कारण है। एमसीएक्स में पिछले सप्ताह सोना 2.5 प्रतिशत टूट कर 50700 रुपये प्रति दस ग्राम और चांदी 6.7 प्रतिशत टूट कर 56700 रुपये प्रति किलो पर रही। मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी के बीच भारत में त्यौहार की मांग रहने से कीमती धातुओं में निचले स्तरों पर सपोर्ट रह सकता है।
तकनीकी विश्लेषण
दिसम्बर वायदा सोने की कीमतों में 50000 रुपये पर सपोर्ट है और 51700 रुपये पर प्रतिरोध है। दिसंबर वायदा चांदी में 55000 रुपये पर सपोर्ट और 58500 रुपये पर प्रतिरोध है।