स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील न्याति ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में सेंसेक्स की तुलना में छोटी कंपनी के शेयरों का बेहतर प्रदर्शन भारतीय घरेलू बाजार की गतिशील प्रकृति और निवेशकों को प्रदान किए जाने वाले विविध अवसरों को दर्शाता है. बाजार के विश्लेषकों के अनुसार, छोटी कंपनियों के शेयर आमतौर पर स्थानीय निवेशकों द्वारा खरीदे जाते हैं, जबकि विदेशी निवेशक बड़ी कंपनियों के शेयर पर ध्यान केंद्रित करते हैं.
स्मॉलकैप फंड की बात करें तो ये मार्केट कैप के लिहाज से स्मॉल कैप कंपनियों के स्टॉक और इक्विटी-रिलेटेड विकल्पों में निवेश करते हैं. सेबी के अनुसार, मिड कैप कंपनियां, मार्केट कैपिटलाइजेशन में 250 से 500 के बीच रैंक की जाती हैं. ये फंड आमतौर पर लार्ज-कैप और मिडकैप फंडों की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं लेकिन उनकी तुलना में इसमें अस्थिरता ज्यादा होती है. बाजार में गिरावट आने पर स्मॉलकैप में गिरावट दूसरे सेगमेंट की तुलना में ज्यादा हो सकती है. उसी तरह तेजी आने पर ये लार्जकैप या मिडकैप की तुलना में ज्यादा रिटर्न भी देते हैं. फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह ली जाए तो ये रिस्क और रिटर्न का सही संयोजन हो सकते हैं. और पढ़ें: